Isro Chandrayaan 2 Launch Mission ki Jankari Hindi Mai में बताएंगे, हम आप सभी प्रतियोगी छात्रों को बता दे की अब आने वाले आगामी परीक्षा जैसे आईएएस रेलवे एसएससी डिफेंस एवं अन्य परीक्षाओं के लिए जनरल नॉलेज से प्रश्न अवश्य पूछे जायेगे ! इसलिए आप सभी विद्यार्थी Isro Chandrayaan 2 Launch के बारे में अवश्य जानकारी ले लीजिए !
सफल लॉन्चिंग पर NASA की ISRO को बधाई, कहा– सपोर्ट करने पर गर्व
अंतरिक्ष की दुनिया में हिंदुस्तान ने आज एक बार फिर इतिहास रच दिया है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी ISRO ने सोमवार दोपहर 2.43 मिनट पर सफलतापूर्वक चंद्रयान-2 को लॉन्च किया. चांद पर कदम रखने वाला ये हिंदुस्तान का दूसरा सबसे बड़ा मिशन है.
हाइलाइट्स
- कुछ देर में होगी चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग, चांद के साउथ पोल पर उतरेगा भारतीय रोवर ‘प्रज्ञान’
- सोमवार दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर लॉन्च हुआ मिशन
- दुनियाभर में बजा हिंदुस्तान का डंका
- 48 दिनों में चांद पर पहुंचेगा चंद्रयान-2इसरो चंद्रयान-2 के जरिए चांद की सतह की जानकारी एकत्र करेगा
- मिशन मून से भारत चांद पर मौजूद बड़े ‘खजाने’ को भी कर सकता है हासिल
- चंद्रयान-2 के चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग होते ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया
Chandrayaan 2 Launch Date and Time Mission in India
चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग नई मिसालः अमित शाह
चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग पर गृह मंत्री अमित शाह ने ISRO के वैज्ञानिकों को बधाई दी है. अमित शाह ने कहा कि भारत ने इस दिशा में एक मिसाल कायम की है. राष्ट्र को इस पर गर्व है. मैं प्रधानमंत्री का भी शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने हमारे संस्थानों को इस तरह का काम करने के लिए हमेशा प्रेरित करते रहते हैं.
48 दिन में चांद पर पहुंचेगा हिंदुस्तान…
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का दूसरा मून मिशन Chandrayaan-2 सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया है. चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को दोपहर43 बजे देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट GSLV-MK3 से लॉन्च किया गया. अब चांद के दक्षिणी ध्रुव तक
अगर आप चंद्रयान-2 के बारे में बेसिक जानकारी चाहते हैं तो इस स्लाइड को जरूर पढ़ें…
पहुंचने के लिए चंद्रयान-2 की 48 दिन की यात्रा शुरू हो गई है. करीब23 मिनट बाद चंद्रयान-2 पृथ्वी से करीब 182 किमी की ऊंचाई पर जीएसएलवी–एमके3 रॉकेट से अलग होकर पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाना शुरू करेगा
मिशन मून के तहत चंद्रयान-2 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखेगा। दरअसल, चांद को फतह कर चुके अमेरिका, रूस और चीन ने अभी तक इस जगह पर कदम नहीं रखा है। चंद्रमा के इस भाग के बारे में अभी बहुत जानकारी भी सामने नहीं आ पाई है। भारत के चंद्रयान-1 मिशन के दौरान साउथ पोल में बर्फ के बारे में पता चला था। तभी से चांद के इस हिस्से के प्रति दुनिया के देशों की रूचि जगी है। भारत इस बार के मिशन में साउथ पोल के नजदीक ही अपना यान लैंड करेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि भारत मिशन मून के जरिए दूसरे देशों पर बढ़त हासिल कर लेगा। कहा जा रहा है कि चंद्रयान-2 के जरिए भारत एक ऐसे अनमोल खजाने की खोज कर सकता है जिससे न केवल अगले करीब 500 साल तक इंसानी ऊर्जा जरूरतें पूरी की जा सकती हैं बल्कि खरबों डॉलर की कमाई भी हो सकती है। चांद से मिलने वाली यह ऊर्जा न केवल सुरक्षित होगी बल्कि तेल, कोयले और परमाणु कचरे से होने वाले प्रदूषण से मुक्त होगी
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